तुम समीर बन आए 
जल से मिलाये,
मै क्या कहूँ
समझ नहीं आता।

तुम भी जल
मै भी जल,
तुम नदी बन
समंदर में मिल गए; 
मै अभी बह रहा हूँ, 
इंतज़ार करना 
जल्द मिलूँगा …
– यतीष जैन
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आइना

सामने मेरे वो है जो दिखता मेरे जैसा है,
मेरी आदतों में भी वो मेरे जैसा है.

वो हसीन है उम्मीदों से घिरा हुआ
सपनो से है उसका दिल भरा हुआ,
मै उसकी हर बात का क़ायल सा हो गया हूँ,
मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ.

उसकी उड़ान आसमानो से परे है
उसके ख़ाब बदलो से घिरे है ,
मै उसके साथ हवा में खो गया हूँ,
मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ .

उसकी आँखों में कई मंज़िले झलकती है
उसकी माथे की लाइनें रास्ते सी दिखती है,
मै उसके सफ़र में साथी सा हो गया हूँ
मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ .

वो जहां भी जाता है वहाँ रास्ता बन जाता है
वो जहां भी रुकता है वो ही मुक़ाम हो जाता है ,
मै उसका मील का पत्थर सा हो गया हूँ,
मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ .

वो जो बोले तो महफ़िल में समा बंध जाता है
उसके होंठों से जो झरे वो अम्रत हो जाता है,
मै उसकी वाणी का सानी सा हो गया हूँ ,
मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ.

Dr Kailash Kumar Mishra

कविता के तुम भाई हो
लेखों के तुम साँई हो,
गर खड़े हो गए मंच पर
तो समारोह के नाई हो।
वाद विवाद की दाई हो
ज्ञान का सागर हो
कला की गागर हो।

नाम तुम्हारा है कैलाश
वाणी मैं है मिश्री का वास,
एक बार जब मिले किसी से
बना देते वो लम्हा खास।

Vibrants

संभावनाओ के बीज
उगाते है हम,
integrity जमी मिलजाए
और commitment का पानी
तो आसमा हमारा होगा।
enrollment में possibility
दिखाते है हम,
लोगो को opportunity दिख जाये
तो हवाओं का रुख
बदल जायेगा।
सबकी काबिलियत पे
ताली बजाते है हम ,
acknowledgment की
लडिया बनाते है हम,
हर किसी में
लीडर जागते है हम
क़तरा -क़तरा

दोस्तो इत्तफ़ाक़ भी बड़ी अजब चीज है ज़िन्दगी मे
हुआ यू की मै राजनाथ कामथ जी के ऑफिस गया
कुछ काम के सिलशिले मे,
सर काफी बिजी थे फोन काल्स मे,
मै बैठा बैठा उनके ऑफिस इधर उधर देखने लगा
उनके व्यक्तित्व के रंगों को निहारने लगा,
बस यही हुआ एक इत्तफाक
कैमरा मेरे साथ था
आँखे बहुत कुछ पढ़ने लगी
अंगुलिया फोकस पुल करने लगी
ना tripod था ना dolly
ना jib ना extra light,
फ़ोन पर बातों का सिलशिला लम्बा चला
और मेरा aperture भी पूरा खुला,
एक कांसेप्ट जो मे कब से सोच रहा था
आज उसका जन्म हुआ
एक पोट्रेट कुछ अलग तरह का.
ये राज आज खुल गया
ये काम आज से चल गया
दोस्तो आपकी दुआ रही तो
तो होते रागे ऐसे इत्तफ़ाक़
ज़िन्दगी भर क़तरा क़तरा…

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