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आज कई इमेल
लिखने के तरीको के
बारे में सोचा
कुछ लिखे भी

कुछ सोये हुए वादों को
जगाने के लिए लिखे,
तो कुछ नए वादों को
पाने के लिए लिखे ,

पूरा दिन इधर उधर की
ताक-झाक में गया,
लोगों के ब्लॉग खगाले
कुछो पर अपने निशाँन छोड़े.

इंतजार किया
अपने इनबाक्स में
किसी एक उम्मीद का

जवाब तो नही आया
हाँ इमेल ज़रूर
बाउंस हो कर आ गया
उनके पते से,
सो उम्मीद जारी है
एक नए पते केलिए
एक नए
अपोइन्टमेन्ट के लिए

One Response to “अपोइन्टमेन्ट”

  1. Amit Sharma Says:

    Good one sir… now you are again active after long silence.

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