Mar 12
आज कोई ख्वाब टूटा है कही
कही न कहीं सबके ख्वाब टूटते है
पर मन का इकतारा
बजाता रहता है एक धुन
बार बार जुड़ने की.
ये धुन कभी बंद नहीं होती
हम ही इकतारे के
दिए की तरह
मिल जाते है मिट्टी मे
पर ये तार ख्वाबो के
जुड़े रहते है कही न कही
आज हम से कल किसी और से …
March 12th, 2010 at 5:40 pm
-बेहतरीन सजाया है उन भावों को रचना में..जुड़ाव महसूस हुआ. बधाई. 🙂
March 21st, 2010 at 10:43 pm
Wow…!!
Brilliant way of portraying your feelings! I liked the picture… it was quite matchin to the title.