यंग पीपल फ़ोरम में जब बच्चों को मैंने
शेयर करते देखा,
मैं अपने बचपन में लौट गया —
ऐसे जी रहा था, जैसे फिर से वही पल हों।

ऐसा लग रहा था,
जैसे मैं अपनी ही रील देख रहा हूँ —
ख़ुद से अपने रैकेट चला कर
विसियस सर्कल को पी रहा हूँ। 🎯

आज उन्हें मौक़ा मिला —
अपना पास्ट छोड़ने का,
और ख़ुद को अपने लोगों से
इंटीग्रिटी के साथ जोड़ने का।

सोचो ज़रा…
अगर ऐसा हो जाए,
हर बच्चे को मिले ये स्पेस
तो ट्रांसफ़ॉर्म हो जाएगी
दुनिया… और सारा देश। 🌏

तो बैठे क्यों हो?
डिक्लेरेशन दो!
कोई अछूता नहीं रहेगा Young People Forum से —
क्योंकि Cause in Matter,
हम बनेंगे उनकी Transformation में! 🚀

Yatish jain
www.yatishjain.com

कभी हम भी आए थे
इस जगह ऐसे ही,
जैसे आज ये युवा आए हैं।
और बना था एक माहौल —

सब कुछ साझा करने का,
जो अंदर था, जो बाहर था।
आज फिर हमने देखा कि
हम कहानियों की दुनिया में जीते हैं।

कुछ भी हुआ,
तो बना डाला एक कहानी-संग्रह,
जिसमें माँ-बाप, रिश्तेदार,
दोस्त, भाई, बहन —

सब किरदार होते हैं।
और इस कहानी के रचयिता
हम ही होते हैं।

आज फिर हमने जाना कि
इन कहानियों का जीवन की घटनाओं से
कोई लेना-देना नहीं है।
सब हमारी ही कल्पना है,
और यही है हमारे दुःख
और अव्यवस्था का कारण।

आज हमने एक और शस्त्र फिर से पकड़ा —
रैकेट नहीं, रैकेट लॉन्चर,
जो हम ख़ुद ही हैं।
आज हम फिर एक ऐसे स्पेस में पहुँचे
जहाँ हम ख़ुद — ख़ुद से मिले,
जो कहीं खो गए थे।

आज हम फिर ट्रांसफ़ार्म हुए। 
अब हम लेखक तो हैं, पर
हमारी कहानियाँ पॉसिबिलिटी की हैं,
क्षमा की हैं,
नई संभावनाओं की हैं।

अब हम रैकेट तो चलाएँगे,
पर कमिटमेंट की रेस्पॉन्सिबिलिटी के साथ।
क्योंकि आज हमें शंकर मिले हैं,
जिन्होंने दिखाया —
तांडव इंटीग्रिटी का,
एम्प्टी और मीनिंगलेस दुनिया में
अनंत पॉसिबिलिटी के साथ।

Yatish jain
Professor Visual communication
www.yatishjain.com

Vibrants

संभावनाओ के बीज
उगाते है हम,
integrity जमी मिल जाए
और commitment का पानी
तो आसमा हमारा होगा।
enrollment में possibility
दिखाते है हम,
लोगो को opportunity दिख जाये
तो हवाओं का रुख
बदल जायेगा।
सबकी काबिलियत पे
ताली बजाते है हम ,
acknowledgment की
लडिया बनाते है हम,
हर किसी में
लीडर जागते है हम
क़तरा -क़तरा

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