मैं पानी हूँ, पाँच तत्वों में एक कहानी हूँ। मैं बादलों में, मैं नदियों में, मैं धरती के नीचे छुपा पानी हूँ।
मैं ही बहता हूँ आप की नस-नस में, शरीर में 70% तक बसता हूँ। पृथ्वी की गोद में भी 71% बनके चमकता हूँ।
मैं ज़हर भी बनता हूँ, अगर तुम मुझे गंदा कर दो। मैं अमृत भी बनता हूँ, अगर तुम मुझे समझ कर बरतो।
मैं सुनता हूँ, मैं समझता हूँ, मैं सिर्फ़ बहता नहीं—कहता भी हूँ। मैं सेहत लाता हूँ… पर बीमारियाँ भी साथ में लाता हूँ—
हैजा, टाइफाइड, दस्त, हेपेटाइटिस, कैंसर तक को न्यौता दे जाता हूँ। क्यों? क्योंकि तुमने मुझे जाने बिना अपनाया!
तय तुम करोगे— मैं जीवन बनूँ… या विनाश? मैं दोस्त बनूँ… या बीमारी की तलाश?
जो मेरी कद्र करता है, मैं उसे तंदुरुस्ती देता हूँ। जो मुझे नजरअंदाज़ करता है, मैं उसकी ज़िंदगी से खेल जाता हूँ।
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“जल है तो कल है — लेकिन साफ़ जल है तो स्वस्थ कल है।”
सामने मेरे वो है जो दिखता मेरे जैसा है, मेरी आदतों में भी वो मेरे जैसा है.
वो हसीन है उम्मीदों से घिरा हुआ सपनो से है उसका दिल भरा हुआ, मै उसकी हर बात का क़ायल सा हो गया हूँ, मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ.
उसकी उड़ान आसमानो से परे है उसके ख़ाब बदलो से घिरे है , मै उसके साथ हवा में खो गया हूँ, मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ .
उसकी आँखों में कई मंज़िले झलकती है उसकी माथे की लाइनें रास्ते सी दिखती है, मै उसके सफ़र में साथी सा हो गया हूँ मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ .
वो जहां भी जाता है वहाँ रास्ता बन जाता है वो जहां भी रुकता है वो ही मुक़ाम हो जाता है , मै उसका मील का पत्थर सा हो गया हूँ, मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ .
वो जो बोले तो महफ़िल में समा बंध जाता है उसके होंठों से जो झरे वो अम्रत हो जाता है, मै उसकी वाणी का सानी सा हो गया हूँ , मै आज उसका आइना सा हो गया हूँ.
जादू था जीवन में पर भूल गए थे, रोमांच भी था कहीं खो गया था. फिर मन के किसी कोने से एक आवाज़ आयी, थैंक यू थैंक यू थैंक यू कहती सामने स्क्रीन पर मोनिका आयी साथ में आशाओं का जादू लायी।
सबसे पहले मुझसे मेरी मुलाकात हो गयी, जो धूल चढ़ी थी शीशे पर थैंक यू की बारिश से धुल गयी।
दूसरा सपनों के बादल मडराने लगे कुछ जादू के रूप में सामने आने लगे।
तीसरा पंखों में उड़ान की पावर आ गयी , कुछ ऐसा स्प्रिंकल किया इस जर्नी ने मोनिका सब पर छा गयी। Thank you Thank you Thank you
जाना तो सभी को है फिर आने के लिये।
दिन भर गरमाया
सूरज भी जाता है,
चाँद को जो
आना होता है
सितारों के साथ।
सबकी बारी होती है,
आज मेरी थी;
कल तुम्हारी;
और फिर मेरी,
जिंदगी रोज मिलती है क़तरा-क़तरा…