मैंने ज़िंदगी को
लाइब्रेरी की तरह पढ़ा है।
मेरा रिसर्च पेपर काग़ज़ों पर नहीं—
किताबों में तो अतीत दफ़्न है।
मैं आज की बात करता हूँ,
लोग मुझे एकान्त से देखते हैं,
और मैं—
अनेकान्त में बसता हूँ।
यतीष जैन
रिसर्च स्कॉलर
प्रोफेसर विसुअल कम्युनिकेशन
9555551144
www.yatishjain.com
ANEKANT
Social Empowerment and Research Foundation


