May 13
जाना तो सभी को है
फिर आने के लिये।
दिन भर गरमाया
सूरज भी जाता है,
चाँद को जो
आना होता है
सितारों के साथ।
सबकी बारी होती है,
आज मेरी थी;
कल तुम्हारी;
और फिर मेरी,
जिंदगी रोज मिलती है क़तरा-क़तरा…
कभी अजनबी सी कभी जानी पेहचानी सी, ज़िंदगी रोज़ मिलती है क़तरा-क़तरा…
जाना तो सभी को है
फिर आने के लिये।
दिन भर गरमाया
सूरज भी जाता है,
चाँद को जो
आना होता है
सितारों के साथ।
सबकी बारी होती है,
आज मेरी थी;
कल तुम्हारी;
और फिर मेरी,
जिंदगी रोज मिलती है क़तरा-क़तरा…
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