कभी अजनबी सी कभी जानी पेहचानी सी, ज़िंदगी रोज़ मिलती है क़तरा-क़तरा…
खुशियों का कोई दिन नही होता, जब चाहे मनाओ, पर फुरसत कहाँ है इस दौड़ धुप में, तभी तो उपरवाले ने त्यौहार बनाये है हर मौसम में, होली, दिवाली, ईद और अब लो आ गया क्रिसमस. Merry Christmas
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