कहाँ है स्वतंत्र हम आज रो रही है भारत माता, अपने ही लोगों का खुले आम क़त्ल हो जाता। हिंदू सनातन कहते हो कहाँ के तुम हिंदू हो, जो हो रहा अपनों के साथ उसके केंद्र बिंदु हो ।
सबका खून खौलता है, तुम्हारा पानी हो जाता है । तुम्हारे सामने तुम्हारे भाई का, सीना छलनी हो जाता है।
आकर मोहल्ले में तुम्हारे, कोई अधिकार छीनता है। तुममें ही है ग़द्दार, आसानी से बीनता है ।
क्या करोगे झंडा उठाके, डंडा तुममें पड़ चुका है। अयोध्या भी चली गई, अब क्या तुम्हारे पास बचा है ।
कहाँ हो स्वतंत्र तुम, तुमसे वोट दिया नहीं जाता है । इसी लिये बंदर आके, तुम्हारी रोटी खाता है ।
स्वतंत्रता स्वतंत्रता करके तुम, अपने नक़्शे पर शरणार्थी बन जाओगे। अगर आज तुम सब, वोट देने की क़सम नहीं खाओगे।
आज़ादी का जश्न तभी सफल हो पाएगा, 100% वोट देकर लोकतंत्र जब आएगा।
वसुधैव कुटुंबकम तुम कहते हो और किस कुटुंब में रहते हो, अपने घर में साप पाल के दूध पिलाते रहते हो। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई तुम तो एक मानते हो, हिंदू कितना पिसता है पड़ोस के देश में क्या तुम जानते हो ।
तुमने सबको मान दिया अपने घर स्थान दिया, पर पड़ोसियों ने तुम्हारे भाइयों के साथ क्या किया। उनका खून खौलता है तुम्हारा पानी हो जाता है, जब कभी बंगला देश पाकिस्तान में अपनों घर जलाया जाता है।
उनकी राजनीति में सिर्फ़ उनकी जात को स्थान है, हमारी राजनीतिक में हम ही उनके दलाल है। उनके ऊपर यहां कुछ हो तो राहुल अखिलेश चिल्लाते है, और वहाँ कुछ हो हम पर ये पहले बिल में छुप जाते है।
ममता दीदी की ममता भी घुसपैठियों पर बरसती है, अपने देश की जनता अपने हक़ को तरसती है। लालू के आलुओं ने हमेशा चुप्पी साधी है, जब जब बंगला देश पाकिस्तान में हमारी हुई बर्बादी है।
केजरी की क्या कहे अब मोहम्मद केजीरिद्दीन बनना बाक़ी है, मंदिरों को नहीं देता अनुदान पर वहाँ ख़ैरातों की झांकी है। टैक्स भरे कोई और पलता कोई और है, सनातनियों के खून में अब नहीं रहा कोई जोर है।
तुमरी हरकत देख के राम ने भी तुम्हारा छोड़ा हाथ है, बजरंगबली भी जाएँगे और कृष्ण भी नहीं रहेंगे साथ है। कब जागोगे जब तुम अपने नक़्शे पर तुम शरणार्थी बन जाओगे, अगर आज तुम परदेश में अपनों के काम ना आओगे।
नेता तो अपने देश में अपनी रोटी सेकते है, जब ज़रूरत होती है उनकी, सिर्फ़ जुमले फेकते है ।
हम है परतंत्र नेता बन गये है आका हमारे, लाना होगा अपने में से किसी को जो काम सवारे। जो करे धर्म की रक्षा और देश निर्माण हमारा, तभी होगा असली स्वतंत्रता दिवस हमारा ।