Mar 18
रिश्तों ने रंग बदला
तो रंगो के रंग उड़ गये I
जो रगों में दौड़ता था
वो सफ़ेद हो गया,
और जो सफ़ेद था
उसमें रंग आ गये …
रंग मुबारक
कभी अजनबी सी कभी जानी पेहचानी सी, ज़िंदगी रोज़ मिलती है क़तरा-क़तरा…
रिश्तों ने रंग बदला
तो रंगो के रंग उड़ गये I
जो रगों में दौड़ता था
वो सफ़ेद हो गया,
और जो सफ़ेद था
उसमें रंग आ गये …
रंग मुबारक
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