रिश्तों ने रंग बदला
तो रंगो के रंग उड़ गये I
जो रगों में दौड़ता था
वो सफ़ेद हो गया,
और जो सफ़ेद था
उसमें रंग आ गये …
रंग मुबारक
आँख खुली तो सबसे पहली मुलाकात
एक रंग से हुई
और तब से
ये मुलाकातों का सिलसिला जारी है।
हम आये थे एक स्वच्छ – साफ़ – श्वेत
चेहरा लिए मन का,
रंगों ने दे दिए हमें अलग-अलग रूप, पेहचान,
ये रंग हैं वक्त के, व्यवहार के, व्यक्तित्व के।
हम जब भी कहीं देखते है,
एक नया रंग दिखता है।
ये चहरे है रंगों के
ये रंग है जिंदगी के।
जो रास्ते बड़े लगते थे
तय करने मे छोटे हो गए,
जो आसमा बड़ा लगता था सपनों केलिए
आज सपने आसमा से बड़े हो गए.
मै चला था सफ़र में सबके साथ,
पर अकेला था.
आज अकेला हूँ
पर साथ है सबका.
आजकल बहुत रोता हूँ मैं,
आंसुओ को हसना सिखा दिया है.
थम गया परिस्थितिओं पे रोना अब
आज रोते रोते भी हसता हूँ मै.
कोई चले या न चले
मुझको तो चलना है,
रास्ता भी मै – मंजिल भी मै,
मुझको तो बस चलाना है.
आज मुझसे मेरी मुलाकात हो गयी.
आज मुझसे मेरी बात हो गयी,
सालों से न जाने कौन था मै
आज मुझसे मेरी शुरु आत हो गयी.
चलता था तो पहले भी
पर चलता था घुटनों के बल,
पहली बार खड़ा हुआ हूँ
आज कल को कह दिया कल.
कहता था जो कल की कहानी
कल में खो गया वो,
आज की बात करो
आज अभी में हूँ मै.
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जिंदगी एक उत्सव है
इस उत्सव में
कई और उत्सव,
कभी नृत्य का
कभी संगीत का
कभी सुरों का,
हर उत्सव में रंग है
और रंगों का एक
उत्सव है
“होली ”
होली मुबारक