जो रास्ते बड़े लगते थे
तय करने मे छोटे हो गए,
जो आसमा बड़ा लगता था सपनों केलिए
आज सपने आसमा से बड़े हो गए.
मै चला था सफ़र में सबके साथ,
पर अकेला था.
आज अकेला हूँ
पर साथ है सबका.
आजकल बहुत रोता हूँ मैं,
आंसुओ को हसना सिखा दिया है.
थम गया परिस्थितिओं पे रोना अब
आज रोते रोते भी हसता हूँ मै.
कोई चले या न चले
मुझको तो चलना है,
रास्ता भी मै – मंजिल भी मै,
मुझको तो बस चलाना है.
आज मुझसे मेरी मुलाकात हो गयी.
आज मुझसे मेरी बात हो गयी,
सालों से न जाने कौन था मै
आज मुझसे मेरी शुरु आत हो गयी.
चलता था तो पहले भी
पर चलता था घुटनों के बल,
पहली बार खड़ा हुआ हूँ
आज कल को कह दिया कल.
कहता था जो कल की कहानी
कल में खो गया वो,
आज की बात करो
आज अभी में हूँ मै.
Dedicated to Landmark
January 31st, 2012 at 9:25 am
Very touchy – very nice!
January 31st, 2012 at 12:21 pm
It is inspiring and realistic.
February 1st, 2012 at 4:46 am
Kya baat bahut hi chha likhe ho, aise hi age bhi likho.
God bless u. Binayji
February 1st, 2012 at 1:08 pm
Beautiful thoughts !!