Mar 20
सब कहते है
अच्छा काम करो,
कुछ नया सोचो,
एक मिशाल कायम करो.
बोस भी कुछ यही कहता है,
आप क्या बेहतर कर सकते हो…
पर
कुछ करने चलो
तो वही ढाक के तीन पात.
अच्छा करने को
प्रेरित करने वाले ही
दीवार बन जाते है,
मिशाल; मिशाइल की तरह
दिल को भेदती है और
एक गुबार उठता है,
एक आवाज आती है,
सब बातें किताबी है
और किताब बिकती है ,
बातों का क्या
बतियाते रहो…
March 20th, 2010 at 12:59 pm
Yes, that is the truth of the day… People are more of talks than deeds…
March 21st, 2010 at 10:56 am
बहुत बढ़िया और बिल्कुल सही फ़रमाया है आपने जो काबिले तारीफ़ है! इस उम्दा रचना के लिए बधाई!
March 21st, 2010 at 10:41 pm
What a nice concept!!
Great work done 🙂
And it is such a biggest truth… U have portrayed it nicely.
And thanks a lot for visiting my blog & leaving your comments!
Regards,
Dimple